कहीं हर ज़िद पूरी, कहीं ज़रूरत भी अधूरी,
कहीं सुगंध भी नही, कहीं पूरा जीवन कस्तुरी।
गली दबा के दाँतो में वो मुस्कुरा दिए,
इतनी सी बात ने कई तूफां उठा दिए! ?
मेरी मासूम सी मुहब्बत को ये हसीं तोहफे दे गए हैं,
जिंदगी बन कर आए थे.. और जिंदगी ले गए हैं!
इक मन था मेरे पास वो अब खोने लगा है,
पाकर तुझे, हाय मुझे कुछ होने लगा है! ?
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का,
एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं!
वो लोग जो तुम्हें कभी-कभी याद आते है,
दोस्तों हो सके तो मुझे उनमें शुमार कर लेना!
तुम्हारी आंखों का कोई कसूर नहीं,..
इन्हें देखकर बहकना लाज़मी हैं! ?
तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है,
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है ?
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने! ?
बहुत “हिफाजत” कर ली अब हमने अपनी,
दिल ?चाहता है कि अब कोई चुरा ले हमे! ?
अश्क़ बह गए आँखों से मगर इतना कह गए,
फिर आएंगे तेरी आँखों में तू अपना सा लगता है।
कर दे नजर-ए-करम मुझपर मैं तुझ पर एतबार कर लूँ,
दीवाना हूं मैं तेरा ऐसा कि दीवानगी की हद पार कर लूं।
वो एक ख्याल है मेरा,
जो अक्सर मेरे सुकूँ से लड़ता है। ?
ऐसा नही की आपकी याद आती नही,
ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही!
महोब्ब्त दिल में कुछ ऐसी होनी चाहिये की हासिल भले,
दुसरे को हो.. पर कमी उसको ज़िन्दगी भर अपनी होनी चाहिये।
इँतजार करते करते एक और रात बीत जायेगी,
पता हैं तुम नहीं आओगे और ये तनहाई जीत जायेगी।
दिल लगाने वालों का कोई मजहवे इश्क़ नहीं होता,
तबीयत जिस पे आ जाए वो ही दिल अजीज होता है।
किस्मत के तराजू में तौलोगे तो फकीर है हम
लेकिन दर्द ऐ दिल मे हम सा नवाब कोई नही।
मेरी सांस मेरी धड़कन मेरी जान हो तुम
इश्क की शुरुआत हूं मैं और अंजाम हो तुम।
तुम्हारे होगें चाहने वाले बहुत इस कायनात में,?
मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो। ??
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