Hindi Shayari


यकीन और दुआ नजर नहीं आते,
मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
अब कौन से मौसम से हम आस लगायें,
बरसात में भी याद न जब उनको हम आये।

ऐ दिल! मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से,
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।

यकीन और दुआ नजर नहीं आते,
मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।

मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है,
फिर भी मेरे प्यार पर उसको शक आज भी है,
नाव में बैठ कर धोये थे उसने हाथ कभी,
पानी में उसकी मेहँदी की महक आज भी है।

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