तय है बदलना, हर चीज बदलती है इस जहां में,
किसी का दिल बदल गया, किसी के दिन बदल गए।
यूं तो किसी चीज के मोहताज नही हम,
बस एक तेरी आदत सी हो गयी है।
बिन दिल के जज्बात अधूरे, बिन धड़कन अहसास अधूरे,
बिन साँसों के ख्वाब अधूरे, बिन तेरे हम कब हैं पूरे।
ज़ुल्फों को उंगलियों से किनारे किया ना कर
दिल मेरा आवारा है इसे और बिगाड़ा ना कर।
आँखे खुली जब मेरी तो जाग उठीँ हसरतेँ सारी,
उसको भी खो दिया मैँने..जिसे पाया था ख़्वाब मेँ।
तेरे वजूद से ही मेरी मुकम्मल कहानी,
मैं एक खोखली सीप तू एक मोती रूहानी।
मोहल्ले की मोह्ब्बत का भी अजीब फ़साना है,
चार घर की दूरी और बीच मे सारा जमाना है।
खुला ना रख हर एक के लिये दिल का दरवाज़ा,
ये दिल एक घर हैं इसे बाज़ार मत बना।
कोशिश तो बहुत करता हूँ,
पर अब किसी से तुम्हारे जैसी मोहब्बत नही होती। ?
मुस्कुराने के मकसद न ढूंढ वर्ना जिन्दगी यूँही कट जायेगी,
कभी बेवजह भी मुस्कुरा के देख, तेरे साथ जिन्दगी भी मुस्कुरायेगी।
बस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए! ?
हमारी पसंद अपनी, निगाह से न तोलिये..
यह दिल के मामले हैं, इनमें न बोलिये!
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!
रिश्ता बनाया है तो निभायेंगे,
हर वक्त तुमसे लड़ेंगे और तुम्हे मनायेंगे! ?
तुम जिद करो आज चाँद देखने की,
औरमैं तुम्हें आईना दिखा दूँ! ? ?
मसरूफ रहने का अंदाज़ तुम्हे तन्हा न कर दे दोस्त,
रिस्ते फुरसत के नहीं तबज्जो के मोहताज़ होते हैं।
तकलीफ होगी आपके नाजुक ख्यालों को,
यूं अकेले बैठकर हमें सोचा न कीजिए।
मिल जाती अगर सभी को अपने मोहब्बत की मंजिल..
तो यक़ीनन रातो के अँधेरो में कोई दर्द भरी गजल नही लिखता!
काश तुम समझ सकते मोहब्बत कें उसूलो को,
किसी कें दिल में समां कर तन्हा नहीं करते! ?
मेरे दिल ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा,
ये बात और है के मुझे साबीत करना नहीं आया!
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