दिल की बात छुपाना आता नही,
किसी का दिल दुखाना आता नही,
आप सोचते है हम भूल गए आपको,
पर कुछ अच्छे..
दोस्तो को भूलना हमको आता नही!
नाजुक सा दिल कभी भुल से ना टूटे,
छोटी छोटी बातो से आप ना रूठे,
थोडी सी भी फिकर है अगर आपको हमारी,
तो कोशिश करना की ये दोस्ती कभी ना टूटे।
मेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है,
ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है,
कभी उनके हम भी थे दोस्त,
आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है।
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना सकता हूँ,
तुझसे मिले बिना तेरा हाल बता सकता हूँ,
है मेरी दोस्ती में इतना दम,
तेरी आँख का आँसू आपनी आँख से गिरा सकता हूँ।
वादा ना करो अगर तुम निभा ना सको,
चाहो न उसको जिसे तुम पा ना सको,
दोस्त तो दुनिया में बहुत होते है,
पर एक खास रखो जिसके बिना मुस्कुरा ना सको।
दोस्ती हर चेहरे की मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख-दुःख की पहचान होती है,
कोई रूठ भी जाये तो दिल पे मत लेना,
क्युकी दोस्ती जरा सी नादान होती है।
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता,
कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता,
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर..
हर कोई आप सब की तरह अनमोल नहीं होता!
दुआओ पे हमारे ऐतबार रखना,
दिल में अपने ना कोई सवाल रखना,
देना चाहते हो अगर खुशिया हमें,
तो बस आप खुश रहना और अपना ख्याल रखना।
ऐ दोस्त जब भी तू उदास होगा,
मेरा ख्याल तेरे आस-पास होगा,
दिल की गहराईयों से जब भी करोगे याद हमें,
तुम्हें.. हमारे करीब होने का एहसास होगा।
यकीन नहीं तुझे अगर, तो आज़मा के देख ले,
एक बार तू, जरा मुस्कुरा के देख ले,
जो ना सोचा होगा तूने, वो मिलेगा तुझको भी,
एक बार आपने कदम, बढ़ा के देख ले।
हाँ थोड़ा थक गया हूँ दूर निकलना छोड दिया,
पर ऐसा नही की मैंने चलना छोड़ दिया।
फासले अक्सर रिश्तो में दूरी बढ़ा देते है,
पर ये नही की मैंने दोस्तों से मिलना छोड दिया।
हां जरा अकेला हूँ दुनिया की भीड मे,
पर ऐसा नही है कि मैंने दोस्ताना छोड दिया।
याद तुम्हें करता हूं दोस्तों और परवाह भी,
बस कितनी करता हूं ये बताना छोड़ दिया।।
दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है,
अरे सच्ची दोस्ती तो वो है..
जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान करदे,
मेरे दोस्त की तक़दीर मैं एक और मुस्कान लिख दे,
न मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे.
न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे.
एक जैसे दोस्त सारे नही होते,
कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,
आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,
कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’ नहीं होते.
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