Hindi Shayari

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यकीन और दुआ नजर नहीं आते, मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं। अब कौन से मौसम से हम आस लगायें, बरसात में भी याद न जब उनको हम आये। ऐ दिल! मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से, इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा, टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों, किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा। यकीन और दुआ नजर नहीं आते, मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं। मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है, फिर भी मेरे प्यार पर उसको शक आज भी है, नाव में बैठ कर धोये थे उसने हाथ कभी, पानी में उसकी मेहँदी की महक आज भी है।

हलकी फुलकी सी होती है जिन्दगी, बोझ तो ख्वाहिशों का होता है।


कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते,
एक बार खैरियत तो पूछ के देखिये।

महफील भले ही प्यार करने वालो की हो,
उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शायर ही लाता है।

सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें,
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत।

कहो तो फ़लक़ से तुम्हारे लिए चाँद तारे तोड़ लाऊँ,
इतना काफी हैं, यारा कि कुछ और झुठ बोल जाऊँ।

यारो कुछ तो जिक्र करो, उनकी क़यामत बाहो का,
वो जो सिमटते होंगे उनमे, वो तो मर जाते होंगे।

मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारी दखलंदाजी की आदत गई नहीं,
साँसों में भी रुकावट डालते हो हिचकियाँ बनकर।

खुदा ही जाने क्यूँ हाथो पे तुम मेहँदी लगाती हो,
बड़ी ही नासमझ हो, फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।

एहसान किसी का वो रखते नहीं मेरा भी चुका दिया,
जितना खाया था नमक मेरा, मेरे जख्मों पर लगा दिया।

फासला रख के क्या हासिल कर लिया तुमने,
रहते तो आज भी हो तुम मेरे दिल में ही।

मुझे लिख कर कही महफूज़ कर लो दोस्तो,
आपकी यादाश्त से निकलता जा रहा हूँ में।

तेरे हुस्न पर तारीफों भरी किताब लिख देता,
काश तेरी वफा तेरे हुस्न के बराबर होती।

कमी तो होनी ही है पानी की, शहर में,
न किसी की आँख में बचा है, न किसी के जज़्बात में।

सरक गया जब उसके रुख़ से पर्दा अचानक,
फ़रिश्ते भी कहने लगे काश हम भी इंसा होते।

इस उम्मीद पे रोज़ चिराग़ जलाते हैं,
आने वाले बरसों बाद भी आते हैं..!!

ये तो अच्छा हुआ कुदरत ने रंगीन नहीं रखे आँसूं,
वरना जिसके दामन में गिरते वो भी बदनाम हो जाता।

इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना,
इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए।

तुम्हारे वजूद से बना हूँ मैं..
पहले जिन्दा था अब जी रहा हूँ मैं।

तलब ये है कि मैं सर रखूँ तेरे सीने पे,
और तमन्ना ये कि मेरा नाम पुकारती हों धड़कनें तेरी।

तुझे महसूस करने का हर अहसास अजीब है,
तू पास है तो पास है, जब दूर है तो भी पास है।

लो खुद ही सुन लो.. तुम मेरी धड़कनो की आवाज़,
मै कहूंगा कि ये दिल इस कदर धड़कता है तो तुम झूठ मानोगी।

बहुत सा पानी छुपाया है मैंने अपनी पलकों में​,
​जिंदगी लम्बी बहुत है,क्या पता कब प्यास लग जाए​।

जो तार से निकली है वो धुन सबने सुनी है,
जो साज़ पर बीती है वो दर्द किस दिल को पता है।

कौन तोलेगा हीरों में अब तुम्हारे आंसू फ़राज़,
वो जो एक दर्द का ताजिर था दुकां छोड़ गया।

रूबरू आपसे मिलने का मौका रोज नहीं मिलता,
इसलिए शब्दों से आप सब को छू लेता हूँ।

जिनकी संगत मैं ख़ामोश संवाद होते है,
अक्सर वो रिश्ते बहुत ही ख़ास होते हैं।

तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती ग़ालिब,
वजह यही है की आँसू भी नमकीन होते है।

मेरे टूटने का ज़िम्मेदार मेरा जौहरी ही है,
उसी की ये ज़िद थी की अभी और तराशा जाए।

रात के कितने पहर हैं.. क्या जाने,
तेरे इंतज़ार में मैने तारे हज़ार बार गिने।

ये सुर्ख लब, ये रुखसार, और ये मदहोश नज़रें..
इतने कम फासलों पर तो मयखाने भी नहीं होते।

अपने रब के फैसले पर,भला शक केसे करूँ,
सजा दे रहा है गर वो, कुछ तो गुनाह रहा होगा मेरा।

में तो आशिक़ हु सिर्फ एक बार मरूँगा,
लेकिन मेरे ‎प्यार‬ की सच्चाई जानकर वो बार बार मरेंगी।

इंतेजार भी कितनी अजीब चीज हे ना खुद करे तो,
गुस्सा आता है, और.. दूसरा कोई करे तो अच्छा लगता है।

सुनो! या तो मिल जाओ, या बिछड जाओ,
यू साँसो मे रह कर बेबस ना करो।

कुछ रिश्ते दरवाज़े खोल जाते है,
या तो दिल के, या तो आँखों के।

उनसे कह दो कोई जाकर के की हमारी सजा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुजरिम नही है बस गलती से इश्क हुआ था।

मसला तो सिर्फ एहसासों का है, जनाब,
रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते हैं।

आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में,
कुछ बात ही ऐसी है की दिल को समझने का मौका ही नहीं मिला।

हलकी फुलकी सी होती है जिन्दगी,
बोझ तो ख्वाहिशों का होता है।

हमारे महफिल में, लोग बिन बुलाये आते है,
क्यूकी यहाँ स्वागत में, फूल नहीं, दिल बिछाये जाते है।

तेरा अहसास.. साथ साथ बहुत नज़ाकत से मेरे साथ रहती है,
ख़्वाबों में भी.. साथ साये की तरह ही साथ साथ चलती है।

ठीक लिखा था मेरे हाथों की लकीरों में,
तू अगर प्यार करेगा तो बिखर जायेगा।

सुना है उन्होंने इरादा किया है खामोश रहने का,
हम भी देखें हमारी मोहब्बत में असर कितना है।

जिस दिन बंद होठों से मोहब्बत पढोगे,
मुझसे शिकायत करना बंद कर दोगे।

बात मोहब्बत की थी, तभी तो लूटा दी जिंदगी तुझ पे,
जिस्म से प्यार होता तो, तुझ से भी हसीन चेहरे बिकते है, बाजार में।

तुम्हारी प्यार भरी निगाहों को हमें कुछ ऐसा गुमान होता है,
देखो ना मुझे इस कदर मदहोश नज़रों से कि दिल बेईमान होता है।

मेरी मोहब्बत का अंदाजा मत लगाना मेरी जान,
हिसाब मैं लूंगा नहीं, और चुकता तुम कर नहीं पाओगी।

जैसे जैसे तू हसीन दिखने लगी है,
मेरी कलम और भी अच्छी शायरी लिखने लगी है।

तुम कभी गलतफहमी में रहते हो.. कभी उलझन में रहते हो,
इतनी जगह दी है तुमको दिल में.. तुम वहाँ क्यों नहीं रहते हो।

यूँ तो एक आवाज़ दूँ.. और बुला लूँ तुम्हें,
मगर कोशिश ये है कि.. खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा।

खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,
तेरे ग़म को ज़माने से मैं छुपाऊं कैसे।

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