Hindi Shayari

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यकीन और दुआ नजर नहीं आते, मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं। अब कौन से मौसम से हम आस लगायें, बरसात में भी याद न जब उनको हम आये। ऐ दिल! मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से, इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा, टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों, किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा। यकीन और दुआ नजर नहीं आते, मगर नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं। मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है, फिर भी मेरे प्यार पर उसको शक आज भी है, नाव में बैठ कर धोये थे उसने हाथ कभी, पानी में उसकी मेहँदी की महक आज भी है।

'तेरी एक झलक पाने को ...शायरी

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा है


'आया तो बार बार संदेशा अमीर का,
हमसे मगर हो न सका सौदा जमीर का'


दर्दे-दिल की आग को कोई सागर क्या बुझाएगा
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है

हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है

कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है


इन हवाओं से बारहा ठोकर खाकर
फूल गिरते रहे पेड़ों से जमीं पे आकर

अपनी किस्मत में कभी चैन का नाम नहीं
नींद आती है न कभी वक्त पे जाकर

बेवफा उनको क्यूं कहूं जो साथ न दे
हमने तो जीना सीखा है बस धोखे खाकर

वो फरिश्ता है जिसे मौत का गम न हो
जो चढ़ता हो सूली पे खुद से जाकर




हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
जिसमें न धुँआ हो वो आग बन गए

उगते रहे हैं शूल भी सीने की जमीं से
जबसे तुम मेरे दिल के गुलाब बन गए

अब देखना दुनिया को न हो सका मुमकिन
तुम मेरी निगाहों पे नकाब बन गए

हम आज तक छुपाते रहे राजे-मुहब्बत
न जाने तुम किस तरह हमराज बन गए


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